
सभी विद्याार्थियों को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी एवं योजना के राज्य नोडल अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने कहा कि हर घर में जैसा परिवेश होता है उसी प्रकार के विचार एवं संस्कार बाल जीवन में परिवर्तित होते है। वास्तव में बाल अवस्था कोरे कागज की तरह होती है। जब बच्चा छोटा होता है, तभी से उसमे अच्छे संस्कार रूपी पौधा रोपा जाना सम्भव होता है। जिसे समय के साथ और अधिक पुष्पित व पल्लवित किया जा सकता है। ऐसे में प्रत्येक परिवार के हर एक सदस्य का दायित्व होता है कि बच्चों में भौतिक संसाधनों के साथ-2 अच्छी शिक्षा और संस्कार देने का लक्ष्य तय करें क्योंकि आज के युवा जिस तनाव, अवसाद और अनुशासनहीनता की गिरफ्त में है, उसका मूल कारण परिवारों में संस्कारो का अभाव ही है। ऐसे में यदि आरम्भ से बच्चों को सुसंस्कार दिए जाए तो वे न केवल अपना जीवन सुधारेगें, बल्कि परिवार के अलावा आमजन का भी सम्मान करेगें। कभी भूल कर भी बच्चों के सामने माता-पिता को अपनी तकरार, लड़ाई-झगड़े की बात प्रकट नही होने देनी चाहिए। लड़ाई-झगड़े, क्लेश, अशांति से बच्चों के कोमल मानस पर आघात पहुॅचता है। बच्चों का सबसे पहला और प्रमुख विद्यालय होता है घर और घर के वातावरण में मिली हुई शिक्षा ही बालक के संपूर्ण जीवन में विशेषतया काम आती है। मानव जीवन की दो-तिहाई शिक्षा माॅ-बाप की छत्रछाया में घर के वातावरण में सम्पन्न होती है। घर में विपरीत वातावरण होने पर स्कूल काॅलेजों में चाहे कितनी अच्छी शिक्षा दी जाए, वह प्रभावशाली सिद्ध नही होती। उन्होंने सम्बोधित करते हुए बच्चों से कहा कि जब भी जीवन में तनाव या किसी परेशानी में आए तो महापुरूषों के ग्रंथ या जीवनी की किताबे पढें। वे उन्हें तनाव व किसी भी परेशानी से बाहर आने का रास्ता दिखाएंगी।
इस अवसर पर श्री रोहताश रंगा परियोजना निदेशक नशा मुक्ति एवं पूनर्वास केन्द्र नारनौल ने अपने विचारो से बच्चों को अवगत करवाते हुए कहा कि शराब पीने वाला सिर्फ शराब ही नहीं पीता, माॅ की खुशी, पत्नी का सुकून, बच्चों के सपने और पिता की प्रतिष्ठा सब एक ही घूॅट में पी जाता है। बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ नशे आदि से दूर रहना चाहिए तथा अपने परिवार, सगे-सम्बन्धियों को भी नशे से दुर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

इस अवसर पर उपस्थित सभी अध्यापक एवं बच्चों को नशा न करने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर प्राचार्य श्री नगेन्द्र यादव ने सभी मेहमानो का स्वागत किया तथा अपने विचार रखते हुए बच्चों से कहा कि वे सभी प्रकार की बुराईयों से दूर रहें तथा आज के शिविर में बताई जाने वाली सभी अच्छी बातो को अपनी शिक्षा के साथ-2 इनको धारण करें तथा अनुशासन में रहते हुए हर प्रकार के नशे व अन्य बुराईयों से दूर रहें।
आज के इस कार्यक्रम का मंच संचालन डाॅ पंकज गौड़ आजीवन सदस्य बाल कल्याण परिषद् व सदस्य नैतिक शिक्षा पाठ्य पुस्तक निमार्ण समित्ति द्वारा किया गया। उन्होंने भी अपने सम्बोधन में सभी बच्चों से बाल कल्याण परिषद् द्वारा चलाई जा रही सभी गतिविधियों में अधिक से अधिक भागेदारी करने का अनुरोध किया। इस अवसर पर सुरेन्द्र शर्मा तीरन्दाजी कोच बाल भवन नारनौल, डाॅ जितेन्द्र भारद्धाज आजीवन सदस्य बाल कल्याण परिषद् सहित सभी स्टाफ सदस्य एवं सभी बच्चें उपस्थित रहें।
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